अखंड ज्योति – कहा जाता है कि भारत में हर 2 किमी के बाद आपको घर भले ही मिले ना मिले लेकिन मंदिर अवश्य मिल जाएगा.
भारत में करीबन हजारों लाखो मंदिर हैं जिनमें से कई अपने चमत्कारों और ऐतिहासिकता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं. दूर-दूर से भक्त इन मंदिरों के दर्शन करने आते हैं. वहीं कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिनमें सालों से अखंड ज्योति जल रही है. वैज्ञानिक भी इन चमत्कारिक मंदिरों में दिन-रात जल रही अखंड ज्योति के पीछे के कारण का पता नहीं लगा पाए हैं.
तो चलिए दर्शन करते हैं भारत के ऐसे ही चमत्कारिक मंदिरों का जहां सदियों से अखंड ज्योति जल रही है.
१ – कामाख्या मंदिर
असम का कामाख्या मंदिर तंत्र विद्याओं के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. इस मंदिर में प्राकृतिक रूप से एक दिव्य लौ जल रही है. इस मंदिर में लौ को ही देवी का स्वरूप माना जाता है और यहां आने वाले भक्त इसी लौ के दर्शन करते हैं.
२ – हरसिद्धि माता मंदिर
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित हरसिद्धि माता मंदिर में 30 अखंड दीप जलते हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर में ये दीप पिछले 2000 सालों से जल रहे हैं.किवदंती है कि इस मंदिर में यह दीप राजा विक्रमादित्य ने जलाए थे. रोज़ इन दीपकों में तेल भरा जाता है और ये इसी तरह हमेशा जलते रहते हैं.
३ – ज्वाला देवी मंदिर
दैवीय शक्ति से अग्निप्रज्वलित करने के मामले में हिमाचल प्रदेश का ज्वाला देवी मंदिर सबसे अधिक चमत्कारिक है. इस मंदिर में जल रही ज्वाला को अकबर भी बुझा नहीं पाया था. मंदिर के चमत्कार के आगे अकबर को भी हार माननी पड़ी थी. सर्दी हो या गर्मी, धूप हो या बरसात इस मंदिर में ये ज्वाला सदा जलती रहती है.
४ – श्री राधारमण मंदिर
सदियों से वृंदावन के श्रीराधारमण मंदिर में पवित्र लौ जल रही है. कहा जाता है कि यह लौ तमिलनाडु के श्रीरंगपट्टनम में बने श्रीरंगम मंदिर से वृंदावन लाई गई है. इसी लौ से मंदिर के दीप जलाए जाते हैं और भगवान के लिए भोग का प्रसाद बनाया जाता है.
५ – ममलेश्वर महादेव
हिमाचल के ममलेश्वर महादेव मंदिर में पांडवों द्वारा स्थापित पांच शिवलिंगों की पूजा की जाती है. इस मंदिर में जल रही धुनि को अग्नि कुंड भी कहा जाता है. कहा जाता है कि पांच हज़ार साल पहले पांडवों ने इस स्थान पर ये अग्नि कुंड जलाई थी. इस स्थान पर पांडवों द्वारा जलाई गई अग्नि को आज भी प्रज्जवलित रखा गया है.
६ – त्रिर्युगी नारायण मंदिर
देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरती रुद्रप्रयाग में स्थित त्रिर्युगी नारायण मंदिर में सदियों से एक अग्नि कुंड जल रहा है. माना जाता है कि इसी अग्नि कुंड के चारों ओर भगवान शिव और देवी पार्वती ने सात फेरे लिए थे. आज भी श्रद्धालु इस मंदिर में आकर इस पवित्र अग्नि कुंड के दर्शन करते हैं और इसकी राख अपने साथ घर ले जाते हैं.
अगर आप भी भगवान में विश्वास रखते हैं और उनकी पृथ्वी पर मौजूद दैव्य शक्तियों के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको दुनिया में इन मंदिरों से बेहतर और कोई जगह नहीं मिल सकती. यहाँ तक की अगर आप सच्चे मन से यहाँ पूजा अर्चना करने जाए तो हो सकता है की आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी हो जाए.
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